हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मिले प्रचंड बहुमत के बाद पीएम मोदी ने अपना अगला टारगेट सेट कर लिया है। अब बीजेपी का फोकस साल 2018 के विधानसभा चुनावों पर है और यहां जीत हासिल करना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। यही वजह है कि इन चुनावों के मद्देनज़र केंद्र सरकार की कैबिनेट में बड़ा बदलाव कर सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैबिनेट में बदलाव 12 अप्रैल को सदन का सत्र समाप्त होने के बाद किया जा सकता है। संसद का बजट सत्र 12 अप्रैल को समाप्त हो रहा है । टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जिन विभागों में मंत्री नहीं हैं, उन्हें भरा जाएगा। साथ ही कुछ नए चेहरे भी मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं।
मनोहर परिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के बाद रक्षा मंत्री का पद खाली है। वैसे, वित्त मंत्री अरुण जेटली को कार्यभार दिया गया है। वित्त मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय दोनों अहम विभाग माने जाते हैं, ऐसे में एक ही मंत्री दोनों विभागों का कार्यभार अधिक दिन तक नहीं संभाल पाएगा। ऐसी संभावना है कि पीएम मोदी रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी किसी और को सौंप सकते हैं।
हालांकि, मोदी कैबिनेट की पहली विस्तार में रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी अरुण जेटली की ही थी। लेकिन कुछ समय बाद गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। अभी जेटली के समय संकट ये है कि एक तरफ वित्त मंत्रालय देख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रक्षा मंत्री होने के नाते इस विभाग के लिए वित्तीय मांग करनी है। इन दोनों के बीच वो असहज स्थिति में फंस गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस तरह की भूमिका से टकराव की स्थिति बन गई है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के किडनी ट्रांसप्लांट के कारण ये विभाग भी किसी और को देने की चर्चा चल रही है। हालांकि, बुधवार को लोकसभा में अमेरिका में हो रहे भारतीयों पर हमले को लेकर उन्होंने बयान दिया।
बिहार और उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले जिन नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था, उनमें से जिनके कामकाज से प्रधानमंत्री खुश नहीं हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
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