बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पत्रकारों को बताया कि आतंकवाद के मुद्दे पर मोदी ने शी से कहा कि ‘‘भारत और चीन दोनों आतंकवाद से पीड़ित हैं और क्षेत्र इस समस्या से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से अछूता नहीं है और इस मुद्दे पर हम मतभेद नहीं रख सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यूएन 1267 समिति के संदर्भ में खास तौर पर भारत और चीन को अपना सहयोग बढ़ाना चाहिए और साझा जमीन तलाशने की कोशिश करनी चाहिए।’’
संयुक्त राष्ट्र की ओर से अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए भारत के कदम पर चीन की ओर से तकनीकी रोक लगाने को लेकर भारत अपने इस पड़ोसी देश से नाराज रहा है। हाल में चीन ने इस रोक की अवधि कुछ और महीनों के लिए बढ़ा दी। स्वरूप ने कहा कि दोनों पक्षों ने माना कि आतंकवाद एक ‘‘अहम मुद्दा’’ है। शी ने जोर देकर कहा कि दोनों पक्षों को सुरक्षा वार्ता एवं साझेदारी मजबूत करनी चाहिए।