दिल्ली: सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को परोक्ष रूप से अस्वीकार करते हुए मोदी और पुतिन ने आतंकवाद के सुरक्षित शरणस्थलियों को खत्म करने के लिए मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता पर आज बल दिया तथा इस समस्या से निबटने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते को जल्द करवाये जाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ व्यापक मुद्दों पर हुई चर्चा के बाद जारी एक संयुक्त बयान में आतंकवाद का उसके सभी स्वरूपों में कड़ी भर्त्सना की गयी। इन दोनों नेताओं की उरी हमले तथा उसके बाद हुए लक्षित हमलों की पृष्ठभूमि में यह बैठक हुई।
दोनों नेताओं ने इस समस्या से निबटने के लिए बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की एक मजबूत वैश्विक कानूनी व्यवस्था की पैरवी की।
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘भारत एवं रूस आतंकवाद के कारण उत्पन्न खतरों को समझते हैं। वे मानते हें कि संबंद्ध यूएनएससी प्रस्तावों और संरा वैश्विक आतंकवाद निरोधक रणनीति को बिना किसी दोहरे मानकों या चुनिंदा आधार अपनाये बिना लागू किया जाना चाहिए। यह इस चुनौती से निबटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।’’ इसमें कहा गया, ‘‘उन्होंने आतंकवादियों को सुरक्षित शरणस्थली दिये जाने से रोकने, आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली विचारधारा और कट्टरपंथ के प्रसार से निबटने, भर्ती पर रोक लगाने, आतंकवादियों एवं विदेशी आतंकी लड़ाकोंे की यात्राओं पर रोक लगाने, सीमा प्रबंध को मजबूत करने तथा प्रभावी कानूनी सहायता एवं प्रत्यर्पण प्रबंधों पर बल दिया।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति वाल्दीमिर पुतिन के साथ आतंकवाद के बारे में बातचीत के दौरान उरी हमले की क्रेमलिन द्वारा की गयी पुरजोर निंदा के लिए उनकी सरहना की । इस बातचीत में पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के बारे में भी चर्चा हुयी ।