मोदी ने पुतिन के साथ अपनी वाषिर्क शिखर बैठक के बाद यहां संयुक्त मीडिया कार्यक्रम में कहा, ‘‘आतंकवाद से लड़ने की आवश्यकता के बारे में रूस के स्पष्ट रूख में हमारा स्वयं का रूख भी प्रतिबिंबित होता है। हम पूरे क्षेत्र को खतरा पैदा करने वाले सीमा पार आतंकवाद से लड़ने में अपनी कार्रवाई को समझने और उसका समर्थन करने के लिए रूस की काफी प्रशंसा करते हैं । हमने आतंकवादियों एवं उनके समर्थकों से निबटने के मामले में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की आवश्यकता की पुष्टि की है।’’ पुतिन ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद की चुनौती से निबटने में एकजुट हैं।
इसमें यह भी कहा गया, ‘‘नेताओं ने आतंकवाद के प्रत्यक्ष या परोक्ष समर्थन को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने के सिद्धान्त पर आधारित मजबूत कानूनी प्रणाली की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि अंतरराष्ट्री आतंकवाद पर समग्र संधि को जल्द करवाए जाने के बारे में गंभीर प्रयास किये जाएं।’’ यह पूछने पर कि पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा भी बातचीत में उठा, विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, ‘‘उरी तथा आतंकी हमलों को दिये गये समर्थन का मुद्दा सीमित दायरे में उठा।’’ पाकिस्तान के साथ संयुक्त सैन्य अ5यास करने को लेकर रूस से अपना विरोध जता चुके भारत का मानना है कि पाकिस्तान ऐसा देश है जो आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में प्रायोजित करता है और उसका पालन करता है। भारत ने यह भी कहा कि वह रूस द्वारा उसके हितों को समझे जाने को लेकर संतुष्ट है।