इकनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार किराया तय करने के लिए रेलवे ने जो रेलवे डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया बनाने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें एक चेयरमैन और चार स्वतंत्र सदस्य होंगे। रेल मंत्रालय ने इस पर अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों तथा नीति आयोग से राय हासिल कर ली है। सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस प्रस्ताव के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारियों से भी चर्चा कर चुके हैं और उन्हें इसके लिए हरी झंडी भी मिल गई है।
जानकारों के मुताबिक प्रस्तावित अथॉरिटी पूरे किराया ढांचे को तर्कसंगत बनाएगी और यह रेलवे के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगा। हालांकि अथॉरिटी इस बारे में सिर्फ सिफारिश करेगी। रेलमंत्री हाल में यह कह चुके हैं कि रेल किराए को बाजार की मांग के मुताबिक तर्कसंगत बनाना होगा। इस अथॉरिटी के गठन के बाद रेल यात्री किराए के साथ ही माल भाड़े को भी तर्कसंगत बनाया जाएगा। लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर यात्री किराए पर ही होगा। असल में मालभाड़ा भारत में पहले से काफी ज्यादा है और यात्री किराए पर होने वाले घाटे को माल भाड़ा बढ़ाकर भरपाई करने का चलन रहा है। लेकिन अब माल भाड़े को तर्कसंगत बनाने का मतलब इसे और प्रतिस्पर्धी बनाना होगा, न कि बढ़ाना। रेलवे के पास माल भाड़ा बढ़ाने की गुंजाइश बहुत कम है।