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दिलचस्प बात यह है कि रिजर्व बैंक ने नौ नवंबर से 19 नवंबर के बीच बैंकों को मुद्रा के वितरण के बारे में आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (जी) का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया। इस धारा के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण जानकारी देने से मना कर सकता है क्योंकि इसके खुलासे किसी व्यक्ति का जीवन या सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। रिजर्व बैंक ने इसका कोई कारण नहीं बताया कि कैसे यह धारा गलगाली द्वारा मांगी सूचना के मामले में लागू होगा>
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जवाब में कहा गया है कि सभी कार्यालयों (करेंसी चेस्ट में नोटों की आपूर्ति तथा भंडार) के बारे में सूचना नहीं दी जा सकती। इस बारे में सूचना के अधिकार कानून, 2005 के तहत धारा 8 (1) (जी) के तहत छूट प्राप्त है।
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