मुंबई। 29 सितंबर 2008 को रमजान के दौरान नासिक जिले के मालेगांव में दो बम धमाके हुए। इन धमाकों में 7 लोग मारे गए और करीब 80 लोग गंभीर रुप से ज़ख्मी हुए थे। धमाकों की जांच में साध्वी प्रज्ञा का नाम सामने आने के बाद अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पिछले कई साल से इस मामले की अदालत में सुनवाई चल रही थी। लेकिन जांच एजेंसियां साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ पुख्ता सुबूत नहीं जुटा पाई। जिसके चलते पिछले सप्ताह साध्वी को एनआईए कोर्ट ने क्लीन चिट देते हुए फैसला 27 जून तक के लिए टाल दिया। आज इस अहम फैसले की तारीख है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आज साध्वी को कोर्ट से जमानत मिल जाएगी।
गौरतलब है कि एनआईए ने 13 मई 2016 को क्लीन चिट देते हुए साध्वी प्रज्ञा और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ सभी आरोप हटा लिए। एनआईए ने विशेष कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें जांच एजेंसी ने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित समेत 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ मकोका भी हटा लिया था। जांच एजेंसी ने 26/11 आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे की जांच पर भी सवाल उठाए थे। हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक.. प्रज्ञा के अलावा शिव नारायण कलसांगड़ा, श्याम भवरलाल साहू, प्रवीण टक्कलकी, लोकेश शर्मा और धान सिंह चौधरी के खिलाफ दर्ज आरोप हटा लिए गए। एनआईए ने यह भी कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि मकोका यानी महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून के तहत इस मामले में आरोप नहीं बनते। मकोका के प्रावधानों के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक रैंक के किसी अधिकारी के सामने दिया गया बयान कोर्ट में साक्ष्य माना जाता है।