आजकल सलमान का लक लगता है अपने चरम सीमा पर है। लगातार हिट फिल्में देने वाले सलमान को आज राजस्थान हाईकोर्ट ने भी चिंगारा मामले बरी कर दिया है। बॉलीवुड के दबंग खान को आज चिंगरा के केस में 18 साल बाद संदेह और सबूत के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया गया है।
आज सलमान अदालत में अपनी बहन अलवीरा के साथ आए थे। काला हिरण शिकार मामले में अदालत का निर्णया आना अभी बाकी है।1998 में दर्ज हुए मामले में सेशंस कोर्ट ने 12 में से 11 आरोपियों को पहले ही बरी कर दिया था। अदालत ने इस बात को मानते हुए सलमान को राहत दी है। निचली अदालत ने सलमान को शिकार के दो अलग-अलग मामलों में एक साल और पांच साल की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने मई के आखिरी सप्ताह में सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। अवैध शिकार के दो अलग-अलग मामलों में सलमान के अलावा सात अन्य आरोपी भी शामिल हैं।
अदालत ने क्यों बरी किया सलमान को
हथियार अलग
पुलिस को उम्मेद भवन में सलमान के कमरे की तलाशी में बंदूक की गोलियां मिली थीं. जबकि जिप्सी में मिले छर्रे, उन गोलियों के नहीं थे। पुलिस ने हिरण रेतने वाला कथित चाकू बरामद किया था, लेकिन यह पॉकेट चाकू है, जिससे गला रेतना मुश्किल होता है।
अलग अलग रिपोर्ट
वन विभाग ने सलमान खान की जिप्सी जब्त कर तलाशी ली। इसकी सर्च रिपोर्ट में सिर्फ खून के धब्बे मिले। बाद में पुलिस ने भी जिप्सी की तलाशी ली। उन्हें जिप्सी में छर्रे, हिरण के बाल मिले, लेकिन वन विभाग को ये चीजें तलाशी में नहीं मिले। इस तरह दोनों सर्च रिपोर्ट भी अलग-अलग हो गई।
संदेह का लाभ
भवाद और घोड़ा फार्म हाउस के मुकदमों में सलमान के साथ 12 और आरोपी थे। इनमें से 10 को संदेह का लाभ के आधार पर बरी कर दिया। कोर्ट के सामने कुछ ऐसे सवाल हैं, जिन पर गौर किया जाए तो भाईजान को भी संदेह का लाभ मिल सकता था। मुंबई का रहने वाला शिकार के लिए कैसे उम्मेद पैलेस से निकला? कैसे पता चला कि हिरण यहां मिलेंगे? कोई तो उसे ले गया होगा? जब दूसरे बरी हो गए तो सलमान अब तक आरोपी क्यों हैं?
गवाह लपता
वन अधिकारी ललित बोड़ा ने दवा व्यापारी अरूण के ड्राइवर हरीश दुलानी के बयान पर शिकार के मुकदमे दर्ज करवाए थे। वन विभाग ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवा कर उसे छोड़ा था, जबकि डिफेंस की ओर से उसका क्रॉस वेरिफिकेशन ही नहीं हुआ। वह इसके बाद से ही गायब हो गया।
अपील क्यों
सरकार ने सलमान खान की एक साल की सजा को कम माना। अभिनेता की सजा बढ़ाने और गोरधन सिंह को फिर से आरोपी मानने के लिए दो अपीलें की गईं। ऐसे में सवाल ये है कि सरकार ने दूसरे 11 लोग जो बरी हो चुके, उन्हें गोरधन की तरह फिर से आरोपी बनाने की अपील क्यों नहीं की? प्रोसिक्यूशन के पास इसका ठोस जवाब नहीं था।
क्या था मामला
जोधपुर के सुदूरवर्ती इलाके भावड में 26 सितंबर, 1998 को और इसी इलाके के हॉर्स फॉर्म्सक में 28 सितंबर, 1998 को फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान सलमान सहित अन्य अभिनेताओं पर काला हिरण और चिंकारा की हत्याक का आरोप है। इस मामले में सलमान खान के साथ सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम पर भी शिकार के लिए सलमान को उकसाने का आरोप है। सलमान खान को इस मामले और घोड़ा फार्म हाउस शिकार मामले में 12 अक्टूबर 1998 से 17 अक्टूबर तक पुलिस व न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा। उन्हें 10 से 15 अप्रैल 2006 तक छह दिन केंद्रीय कारागृह में रहना पड़ा। मामले में सबसे महत्वपूर्ण गवाह हरीश दुलानी हैं, जो शिकार के समय सलमान की जिप्सी चला रहे थे। हालांकि, वो अभी तक गायब हैं।
सलमान को काले हिरण के शिकार मामले में 10 अप्रैल 2006 को पांच साल की सजा हुई। शिकार का यह मामला जोधपुर के मथानिया के पास घोड़ा फार्म में 28-29 सितंबर 1998 की रात का है, लेकिन बाद में जोधपुर हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई। घोड़ा फार्म हाउस शिकार मामले में सलमान को 10 से 15 अप्रैल 2006 तक 6 दिन केंद्रीय कारागृह में रहना पड़ा। सेशन कोर्ट द्वारा इस सजा की पुष्टि करने पर सलमान को 26 से 31 अगस्त 2007 तक जेल में रहना पड़ा था। इस मामले में सलमान हाई कोर्ट से बेल पर हैं।