मुंबई। पिछले कुछ दिनों से शिवसेना और बीजेपी के बीच जुबानी हमलों का दौरा जारी है। कभी शिवसेना अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी पर हमला करती है तो कभी बीजेपी शिवसेना पर आरोप लगाती है। आरोप प्रतारोप का दौर पिछले हफते से ऐसा शुरु हुआ कि अब थमने का नाम नहीं ले रहा। पिछली बार की तरह इस बार भी मुखपत्र सामना में पीएम मोदी पर तीव्र वार किया गया है। इस बार सामना के संपादकीय में इस बात पे सवाल किया गया की आखिर कितने चुनावी वादों को सरकार ने पूरा किया। इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि दो साल में पीएम ने कितने खातों में 15 लाख जमा कराए। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने काले धन को एजेंडा बनाकर लोगों से कहा था कि वो सत्ता में आने के बाद काले धन को विदेशों से वापस लेकर आएंगे और ऐसे में देश के हर नागरिक को 15-15 लाख रुपये मिल सकेंगे।
प्रधानमंत्री के मन कि बात के काले धन वाले विषय पर उनकी दी गयी राय के विरोध में, शिवसेना ने काले धन को लेकर केंद्र पर वार किया। प्रधानमंत्री के मन कि बात कार्यक्रम कि तुलना शिवसेना के मुखपत्र में चाय से ज़्यादा केतली गरम से कि गयी। संपादकीय का शीर्षक था, चाय से ज़्यादा केतली गरम…मन कि बात। उसमे आगे कहा गया कि हमे चाय कि चुस्की नहीं चाहिए 15 लाख का हिसाब दो। इस बात पर भी चुटकी ली गयी कि काला धन खोजने मोदी स्विट्ज़रलैंड क्यों जा रहे हैं वो तो हमारे घर में ही है।