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न्यायमूर्ति काटजू को नोटिस जारी करते हुए पीठ ने उनका फेसबुक पोस्ट भी उद्धृत किया जिसमें कहा गया है, ‘‘यह खेदजनक है कि अदालत ने धारा 300 को सावधानीपूर्वक नहीं पढ़ा है। इस फैसले की खुली अदालत में सुनवाई के दौरान समीक्षा की जरूरत है। ’’ इसी मुद्दे पर एक अन्य पोस्ट में न्यायमूर्ति काटजू ने लिखा, ‘‘मैं कहता हूं कि उच्चतम न्यायालय ने आरोपी को हत्या का दोषी नहीं ठहराकर कानूनन भूल की है और उसके फैसले की इस हद तक समीक्षा की जरूरत है।’’ उन्होंने 15 सितंबर को फेसबुक पोस्ट में केरल में एक फरवरी, 2011 को ट्रेन से धक्का देकर गिराने के बाद 23 वर्षीय सौम्या से बलात्कार करने को लेकर गोविंदचामी को सुनायी गयी मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के फैसले की आलोचना की थी।
शीर्ष अदालत के फैसले के बाद राज्य और सौम्या की मां ने समीक्षा याचिकाएं दायर की थीं।
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