राम के नाम पर इस बार भी यूपी चुनाव लड़ेगी भाजपा, विकास के मुद्दे फिर से गायब रहने की आशंका

0
राम मंदिर
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse

दिल्ली: उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा राम नाम का ही सहारा लेकर इस चुनावी वैतरणी को पार करने की कोशिश में है। आज पार्टी ने साफ कर दिया कि वह बिना सीएम के चेहरे को आगे किए ही चुनाव लड़ेगी। सीएम के चेहरे की जगह पार्टी ने हर चुनाव की तरह राम और राममंदिर को ही अपना चेहरा बनाया है। इस बात की झलक तो दशहरा के दिन ही मिल गया था जब रावण को जलाने लखनऊ पहुंचे पीएम मोदी ने जय श्री राम का नारा लगाया था।

इसे भी पढ़िए :  मायावती फूलपुर से भतीजे को खड़ा करा दे तब भी बीजेपी ही जीतेगी : केशव प्रसाद मौर्य

लेकिन इस चुनाव में राम के नाम का सहारा बीजेपी के अलावा कांग्रेस और सपा भी लेने जा रही है। किसान यात्रा के दौराना राहुल गांधी का अयोध्या जाना और ब्रह्मणों पर इस चुनाव में ध्यान केंद्रित करना इसकी ओर इशारा कर रही है। वहीं सपा भी अपने मुसलमान वोट वैंक में बिखराव के बाद राम के नाम का सहारा लेकर फिर से सत्ता पाने के जुगाड़ में है।

इसे भी पढ़िए :  यूपी चुनाव 2017 : BJP में सिर्फ इन रिश्तेदारों को मिलेगा टिकट

हालांकि हर चुनाव की भांति यहां भी राम के मामले में बाजी भाजपा ही मारती नजर आ रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा अयोध्या आकर रामायण संग्राहालय की घोषणा करेंगे। वो यहां संतों के साथ बैठक भी करेंगे हनुमान गढ़ी और रामलला के मंदिर में दर्शन भी करेंगे और विश्व हिंदू परिषद के कारसेवक पुरम में कार्यकर्ता सम्मेलन भी करेंगे। वैसे तो रामायण संग्रहालय राम सर्किट का एक हिस्सा है जिसकी घोषणा बहुत पहले ही केंद्र सरकार ने की थी। लेकिन भाजपा को भी इसकी याद तभी आई जब यूपी में कुछ महीनों में चुनान होने हैं। इस संग्रहालय का मकसद साफ है कि इसी राम के मुद्दे को फिर से यूपी चुनाव में गर्मना और वोट हासिल करना।

इसे भी पढ़िए :  उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने दिखाई एकजुटता, वेंकैया नायडू ने किया नामांकन
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse