बड़बोले काटजू के निशाने पर अब सुप्रीम कोर्ट, कहा: पेश होने को तैयार, लेकिन क्या संविधान इसकी इजाजत देता है

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काटजू ने अपने ताजा पोस्ट में यह भी कहा कि वह अपना विस्तृत जवाब तैयार कर रहे हैं जिसे उनके फेसबुक पेज पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सौम्या मामले में उच्चतम न्यायालय से अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। हालांकि इस बारे में केरल सरकार के वकील ने मुझे अनौपचारिक रूप से सूचित किया है।’’ त्रिशूर की एक अदालत ने एक फरवरी, 2011 को 23 वर्ष की सौम्या से बलात्कार के मामले में गोविंदाचामी को मौत की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने मौत की सजा पर मुहर लगा दी। शीर्ष अदालत ने मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया।

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काटजू ने पहले फेसबुक पर एक पोस्ट में शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना करते हुए इस पर पुनर्विचार की जरूरत बताई थी।

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न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति यू यू ललित की शीर्ष अदालत की पीठ ने 17 अक्तूबर को काटजू को इस मामले में नोटिस जारी कर अदालत में 11 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और कार्यवाही में भाग लेने को कहा।

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