विशेष राज्य के मुद्दे पर तदेपा और भाजपा में कलह, तदेपा सांसद ने कहा ‘गठबंधन टूटना फिक्स है’

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दिल्ली
भाजपा के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने का संकेत देने के बाद सत्तारूढ़ तेदेपा ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग करने का आज फैसला किया। पार्टी ने कहा कि यह नये राज्य के लिए ‘जीवन-मरण’ का मुद्दा है।

तेदेपा ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को ‘अक्षरश:’ लागू करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की खातिर प्रदर्शन भी शुरू करने का फैसला किया। वहीं, विशेष दर्जे के मुद्दे पर पार्टी सांसद जे सी दिवाकर रेड्डी ने मोदी को निशाना बनाते हुए कहा कि राजग के दोनों सहयोगियों के बीच देर-सबेर संबंध विच्छेद होना है।

पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी संसदीय दल की आपात बैठक में ‘जापानी शैली’ में प्रदर्शन करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें राज्य और उसके भविष्य के लिए जीवन-मरण का मुद्दा हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘हमने दो साल तक उम्मीद के साथ इंतजार किया है। अगर प्रधानमंत्री दो घंटे का वक्त निकालें तो समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।’’ पार्टी के संसदीय दल की बैठक के समाप्त होने पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नायडू ने एक बार फिर केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली पर निशाना साधा और आंध्र प्रदेश से संबंधित मुद्दे से केंद्र पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया। नायडू ने केंद्र से कहा, ‘‘हमारी क्या गलती है कि आप हमारे साथ इस तरह का अन्याय कर रहे हैं। हमारे साथ अन्याय करने का आपको कोई अधिकार नहीं है। हम भारत का हिस्सा हैं और सभी तरह का कर अदा कर रहे हैं और आपकी :बढ़ी हुई: आय में योगदान दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने आंध्र प्रदेश के विभाजन का समर्थन किया। उसकी :अधिनियम को लागू कराने और विशेष दर्जा दिलाने में: बहुत अधिक जिम्मेदारी है। वह इससे नहीं बच सकती है।

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तेदेपा प्रमुख ने कहा, ‘‘अपने तमाम राजनैतिक अनुभवों के साथ मैं अनुरोध कर रहा हूं। हमारे सांसद प्रधानमंत्री से मिलेंगे और इन मुद्दों को उठाएंगे और उनके जवाब के आधार पर हम अपनी भावी कार्रवाई की रणनीति तैयार करेंगे।’’ ‘जापानी शैली’ के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि लोग काला बैज लगाएंगे और अधिक पौधा रोपण करेंगे, सड़कों की सफाई करेंगे और उत्पादकता बढ़ाएंगे। वो दिल्ली जा सकते हैं और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका मुख्य लक्ष्य लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।’’ उन्होंने कहा कि तेदेपा के सांसद संसद भवन परिसर में कल महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे प्रदर्शन करेंगे।
नायडू ने कहा, ‘‘इसे विरोध प्रदर्शन या हमारी व्यथा का इजहार कहें। हमारे सांसद आंध्र प्रदेश के साथ किए जा रहे अन्याय के प्रति राष्ट्र का ध्यान आकषिर्त करने का प्रयास करेंगे।’’ कल क्षेत्रीय दल ने संकेत दिया कि बैठक में इस बात पर फैसला किया जाएगा कि राजग सरकार में बने रहना है या नहीं। बाद में रात को नायडू ने कहा कि पार्टी मोदी सरकार में सिर्फ राज्य के हितों की रक्षा के लिए बनी हुई है।

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दिवाकर रेड्डी ने मोदी पर चंद्रबाबू नायडू को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भविष्य में भाजपा अकेले सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर सकती है लेकिन मोदी अपने दम पर :केंद्र में: सरकार नहीं बना सकते।’’ आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘क्या नियम और नियमन हैं। अगर प्रधानमंत्री फैसला करें तो कुछ भी हो सकता है।’’ उन्होंने कहा कि देर-सबेर तेदेपा और भाजपा के बीच संबंध विच्छेद अपरिहार्य है।

तेदेपा सांसद ने कहा, ‘‘मैंने चंद्रबाबू नायडू से एक साल पहले कहा कि हम भाजपा के साथ नहीं रह सकते। हमें संबंध विच्छेद करना है।’’