असम में तेजपुर से उड़ान भरने के बाद जो सुखोई विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, उसके दो पायलट हादसे में मारे गए। विमान का मलबा मिलने के पांच दिन बाद भारतीय वायुसेना ने बुधवार को यह कहा।
वायुसेना ने कहा कि दोनों पायलट सुखोई के कॉकपिट से निकलने में असफल रहे और जानलेवा चोटों के कारण उनकी मौत हो गई। तेजपुर 4 कोर के लेफ्टिनेंट कर्नल सौंबित घोष ने कहा, स्क्वाड्रन लीडर डी पंकज (36) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस अच्युदेव (26) के अवशेष तेजपुर एयरबेस लाए गए हैं। सुखोई विमान ने 23 मई को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर तेजपुर बेस से नियमित प्रशिक्षण उड़ान भरी थी और यह तेजपुर से 60 किलोमीटर दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इस बीच, नई दिल्ली में वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर अनुपम बनर्जी ने कहा, विमान के फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर व दुर्घटनास्थल से बरामद हुई कुछ अन्य चीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि दोनों पायलट दुर्घटना के वक्त विमान से नहीं निकल सके। विंग कमांडर बनर्जी के कहा कि इस हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इनक्वायरी के आदेश दिए गए हैं।
अब तक आठ सुखोई क्रैश
वर्ष 1997 से सुखोई आइइएएफ का हिस्सा है और तब से लेकर अब तक सात बार क्रैश हो चुका है। तेजपुर एयरबेस पर 15 जून 2009 को सुखोई डेप्लॉय किए गए थे। इनका डेप्लॉयमेंट अरुणाचल प्रदेश में चीन-भारत की सीमा को देखते हुए किया गया था। तेजपुर इस समय सुखोई की दो स्क्वाड्रन हैं जिसमें 36 एयरक्राफ्ट शामिल हैं। आइएएफ अभी तक अपने पास मौजूद 240 में से आठ सुखोई गंवा चुका है।