दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने आज कहा कि मॉरीशस द्वीप पर मिले विमान के पंख का टुकड़ा मलेशिया एयरलाइंस के विमान एमएच 370 का है।
विमान का यह मलबा मॉरीशस से इस साल मई में बरामद किया गया था। मलेशिया के कुआलालम्पुर से आठ मार्च 2014 को बीजिंग जा रहा विमान लापता हो गया था जिसमें 239 लोग सवार थे। इसके बाद से हिंद महासागर की तटरेखाओं पर इस विमान के मलबे के कई टुकड़े बह कर आ चुके हैं।
इसके लापता होने के बाद हिंद महासागर के दक्षिणी तट और पश्चिमी आस्ट्रेलिया के तट के निकट गहन तलाशी अभियान चलाया गया, हालांकि इन क्षेत्रों से कोई कोई कामयाबी नहीं मिली।
पंख के फ्लैप का टुकड़ा मिलने के बाद ऑस्ट्रेलियाई परिवहन सुरक्षा ब्यूरो के विशेषज्ञों ने इसका विश्लेषण किया। आस्ट्रेलियाई परिवहन सुरक्षा ब्यूरो ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम तट के निकट महासागर के दूरस्थ क्षेत्र में विमान की तलाश का नेतृत्व कर रहा है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जांचकर्ताओं ने पाया कि मलबे में मिला पंख लापता बोइंग 777 का हिस्सा है। मलेशिया के परिवहन मंत्री लियोन तियोंग लाई ने कहा कि जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि एमएच370 का पता चल जायेगा ।
अभी तक मलबे से मिली कोई भी वस्तु यह पता करने में मदद नहीं कर पाई है कि मुख्य मलबा जल के भीतर कहां स्थित है।
जांचकर्ताओं को उड़ान डेटा रिकॉर्डरों का पता लगाने के लिए मुख्य मलबे का पता लगाने की आवश्यकता है। ये रिकार्डर यह पता लगाने में मदद कर सकते हैं कि विमान निर्धारित मार्ग से इतनी दूर क्यों गया।
तलाशकर्मियों को उम्मीद है कि हिंद महासागर में 1,20,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में उनका तलाश का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
समुद्र विज्ञानविद तंजानिया और फ्रांस के ला रीयूनियन द्वीप में मिले विमान के पंख के फ्लैप का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे ड्रिफ्ट मॉडलिंग के जरिए संभावित नए तलाश क्षेत्र की पहचान कर सकते हैं लेकिन किसी भी नई तलाश के लिए और अधिक धन की आवश्यकता होगी। मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और चीन ने जुलाई में कहा था कि यदि महासागर में मौजूदा तलाश क्षेत्र में तलाश पूरी कर ली जाती है और यदि विमान के निश्चित स्थान की ओर इशारा करने वाले नए सबूत नहीं मिलते हैं तो 16 करोड़ डॉलर की लागत की इस तलाश को रोक दिया जाएगा।