दिल्ली
जम्मू..कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के घाटी में शांति लाने के लिए उठाए गए किसी भी कदम से शांति आएगी। लेकिन अगर कदम नहीं उठाए गए तो इसका समाधान करना कठिन हो जाएगा।
उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के विचार से सहमति जताई कि केंद्र ने उन मुद्दों पर वादों को तोड़ दिया जिसके तहत कश्मीर का भारत में विलय हुआ था। उन्होंने कहा कि वे ‘‘जम्मू..कश्मीर के लोगों के साथ ईमानदार नहीं रहे।’’ इंडिया टुडे टीवी पर उन्होंने करण थापर से कहा, ‘‘इससे सहयोग मिलेगा। इससे निश्चित रूप से तनाव कम होगा लेकिन आज कुछ वर्ष पहले की तुलना में काफी संदेह है। क्योंकि इसका पालन नहीं हो रहा है, हर समय इस तरह की समस्या उठ खड़ी होती है, फिर इस पर लगाम लगाना कठिन हो जाता है।’’ वे इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या प्रधानमंत्री द्वारा कोई बड़ी पहल घाटी में स्थिति को सामान्य करने में सहायक हो सकती है ।