EVM से छेड़छाड़ मामला: सुप्रीम कोर्ट ने भेजा चुनाव आयोग को नोटिस, मांगा जवाब

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EVM में छेड़छाड़ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने EVM में छेड़छाड़ को लेकर बयान दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले में दायर पिटीशन पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में इलेक्शन कमीशन को नोटिस जारी किया है ओर चार हफ्तों में जबाब माँगा है।

मायावती, केजरी, रावत ने क्या लगाया था आरोप?

– बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यूपी असेंबली इलेक्शन में हार के बाद कहा था, “चुनाव जनता ने नहीं, ईवीएम ने हराया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 325 सीट जीतकर भी बनावटी मुस्कराहट से साफ जाहिर होता है कि चुनाव धांधली कराकर जीता गया है।”

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– उत्तराखंड असेंबली इलेक्शन में हार के बाद हरीश रावत ने कहा था, “मोदी क्रांति और ईवीएम के चमत्कार को सलाम करता हूं।”

– वहीं, अरविंद केजरीवाल ने कहा था, “पंजाब में AAP का 20 से 25% वोट ईवीएम के जरिए अकालियों को ट्रांसफर हो गया। मेरा मानना है कि हम जीत रहे थे और ईवीएम में गड़बडी के असली कारण क्या थे, इसका मुझे पता नहीं है। अगर ईवीएम में गड़बड़ी की जाती है तो चुनावों का क्या मतलब। हमें पंजाब में सत्ता से बाहर रखने के लिए सारा खेल किया गया।”

-ममता ने बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी के उस वीडियो टेप का हवाला दिया था, जिसमें स्वामी ने ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकने की बात कही थी।

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EVM पर क्या कहता है  EC, 

– इलेक्शन कमीशन ने 1980 में राजनीतिक दलों को पहली बार EVM दिखाया था, 24 साल बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में इसका पूरे देश में इस्तेमाल शुरू हो सका। आज तक कोई भी इलेक्शन कमीशन को EVM में हैकिंग के पुख्ता सबूत नहीं दे पाया है।

– EVM विवाद पर इलेक्शन कमीशन ने 14 मार्च को कहा था, “मशीन को दो बार चेक किया जाता है। उसे कैंडिडेट के सामने जांचा और सील किया जाता है। काउंटिंग से पहले भी ईवीएम को कैंडिडेट्स के सामने खोला जाता है।”

– कमीशन ने यह भी कहा था कि जिन राजनितिक दलों के पास ऐसा कोई सबूत हैं, जिससे साबित होता हो कि ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकती है, तो वो इनको लेकर के हमारे पास आए।

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 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कई नेताओं ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।

बता दें कि इससे पहले भी छेड़छाड़ की शिकायतों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने खारिज किया है। इलेक्शन कमीशन ने दावा किया था कि ये मशीनें पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनमें किसी भी तरह की गड़बड़ी किए जाने की गुंजाइश नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर फिलहाल कोई ऑर्डर जारी करने से इनकार कर दिया है।