नई दिल्ली। कुछ सांसदों ने संसदीय समिति की एक बैठक में उरी में सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में खुफिया तंत्र की कथित विफलता के मुद्दे को उठाया। इस मुद्दे को गृह मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति की बैठक में शुक्रवार(14 अक्टूबर) को कुछ सांसदों ने उठाया। इसकी अध्यक्षता कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने की।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि चिदंबरम ने हस्तक्षेप किया और सांसदों से कहा कि उरी आतंकवादी हमले का मुद्दा बैठक के एजेंडा में नहीं है, इसलिए इसे नहीं उठाया जाना चाहिए।
बैठक में भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं और सीमा पार आतंकवाद की बार-बार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई।
गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ संसदीय समिति ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों और भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए निगरानी बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की।
चर्चा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सांसदों को चौबीस घंटे निगरानी और सीमा रक्षक बलों और सशस्त्र बलों के बीच करीबी समन्वय के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
मालूम हो कि उरी में 18 सितंबर को सेना के एक शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में 19 सैनिक मारे गए थे। दस दिन बाद सेना ने नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक हमले किए गए। इन दोनों घटनाओं के बाद भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आई है।