कड़े सुरक्षा इंतेजामों के बीच अमरनाथ यात्रीयों का पहला जत्था आज(28 जून) रवाना हो चुका है। आपको बता दें इससे पहले आतंकी हमले की चेतावनी जारी की जा चुकी है जिसके चलते कड़े सुरक्षा इंतेजाम किए गए हैं। ये जत्था जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह के नेत्तृव में कड़ी सुरक्षा के साथ रवाना हुआ है। पहलगाम और बालटाल के मार्ग में आंतकी हमले की संभावना है। कश्मीर में सालाना होने वाली अमरनाथ यात्रा गुरुवार से शुरू हो रही है। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक इस यात्रा पर आतंकवादी हमले की संभावना है। प्रशासन ने सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम शामिल करने के साथ ही सुरक्षा पैमाने को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है।
बता दें कि यह 40 दिन लंबी तीर्थयात्रा जम्मू से होगी शुरू होगी। जम्मू से गुफा तक का रास्ता 200 किलोमीटर की दूरी पर है। अमरनाथ की पवित्र गुफा दक्षिणी कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। इस यात्रा के लिए 2.30 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया है।
इस जत्थे में 2000 से ज्यादा श्रद्धालु हैं। इस जत्थे को राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने इस जत्थे को रवाना किया। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, इस जत्थे में 2280 श्रद्धालु हैं जिनमें 1811 पुरुष, 422 महिलाएं और 47 साधू हैं। इन्हें राज्य परिवहन की 72 वाहनों जिनमें 26 हल्के वाहन और राज्य परिवहन की 46 बसों के माध्यम से सुबह 5.22 बजे रवाना किया गया है।
बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा के लिए बुधवार सुबह श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू से पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना हुआ। पवित्र गुफा में शिवलिंग के पहले दर्शन 29 जून को होंगे। पहले दिन राज्यपाल एनएन वोहरा, अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ उमंग नरूला व अन्य अधिकारियों के साथ पवित्र गुफा में पूजा-अर्चना करेंगे।