दिल्ली
भाजपा के फायरब्रांड नेता और सुलतानपुर से सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार को पंड़ित नेहरू की तारिफ कर अपने ही पार्टी को सवालों के घेरे में घेर लिया। संगीत नाटक अकादमी में हुए युवा संवाद कार्यक्रम भाग लेने आए वरूण ने बिना किसी का नाम लिए केंद्र से लेकर प्रदेशों तक में अपनी ही पार्टी की सरकारों पर खूब निशाना साधा। वरूण ने हमेशा संघ और बीजेपी के निशाने पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की तारीफ करके कई बड़े नेताओं पर जमकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि नेहरू धनी परिवार से थे, राजा की तरह जिए और पीएम बन गए। वह लोग भूल जाते हैं कि नेहरू 15 साल जेल में रहे। मुझे कोई कहे कि 15 साल जेल में रहो, पद दे दूंगा तो मैं कहूंगा कि भइया माफ कर दो।
मीडिया नेस्ट व सिटीजन फोरम संस्था की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में वरुण गांधी ने कहा कि सत्ता परिवर्तन से ज्यादा व्यवस्था परिवर्तन की जरूरत है। वरुण ने कहा कि पूंजीपति बैंकों का पैसा हड़प रहे हैं और गरीब लोन लेकर सुसाइड कर रहे हैं। बीजेपी सांसद ने कहा कि वह गांधी परिवार से न होते तो भाषण देने के बजाय भाषण सुनने वालो में होते।
आगे वरूण ने किसानों की नीति से लेकर राष्ट्रपति, सांसदों के चुनाव तक की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आजादी के दौर में नेताओं के विचार लोगों को पता होते थे कि वह वामपंथी हैं या दक्षिणपंथी। आप दिल पर हाथ रखकर पूछिए कि आपको पता है कि आपका नेता किस विचारधारा का है। देश के टॉप-10 लीडर में किसी की कृषि, श्रम या विदेश नीति के बारे में क्या विचार हैं, आपको पता भी नहीं है। पहले नेता बनने के लिए 100 लेख लिखने होते थे, तब जनता नेता मानती थी। आज डिबेट के आधार पर चुनाव हो तो आधे जीत कर नहीं आ पाएंगे।
इसके बाद वरुण गांधी माल्या मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि 3000 रुपये का मामूली कर्ज न चुका पाने के चलते केरल के किसान केटी जोसफ को 3 महीने की जेल के बाद आत्महत्या कर ली थी। वहीं, विजय माल्या 4500 करोड़ रुपये का कर्ज होते हुए भी भाग गए। क्या यही हमारी व्यवस्था है?