वेंकैया नायडू के निशाने पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कहा- आपका बहिष्कार ‘तानाशाही’ है, पीएम मोदी नहीं

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वक्त आ गया है कि सभी धर्मों की महिलाओं को समान अधिकार दिए जाएं, बगैर यह सोचे कि वह कौन से धर्म से ताल्लुक रखती है। बता दें कि पिछले हफ्ते सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि तीन तलाक़ की प्रक्रिया को खत्म हो जाना चाहिए क्योंकि यह महिलाओं की मर्यादा और बराबरी के अधिकार का हनन करता है। वहीं अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि मुसलमानों को शादी, तलाक और उत्तराधिकार वाले मामलों में शरिया कानून के मुताबिक ही चलना चाहिए।

इसे भी पढ़िए :  रक्षामंत्री बोले- सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय पीएम को, थोड़ा मुझे भी

उधर सरकार को कानूनी सुधार की सलाह देने वाले विधि आयोग ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) को लेकर आम लोगों की राय मांगी है। इसका मतलब है कि सभी धर्म और समुदाय एक ही कानून के मुताबिक चलेंगे. दूसरे शब्दों में मुसलमान और अन्य अल्पसंख्यक जैसे ईसाई और पारसी समुदाय अपने सिविल कोड को लागू रखने का अधिकार खो देंगे।

इसे भी पढ़िए :  पीएम मोदी की तस्वीरें इस्तेमाल करने पर, केंद्र सरकार ने पेटीएम और जियो को भेजा नोटिस
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse