‘बीजेपी ने देश को पहुंचाया 10 लाख करोड़ का नुकसान’

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दरअसल, टैक्स सुधार को लेकर वाजपेयी सरकार ने ही साल 2000 में एक कमिटी गठित की थी। साल 2004 में केलकर कमिटी ने जीएसटी का सुझाव दिया। फिर साल 2006 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जीएसटी को अप्रैल 2010 से लागू करने का प्रस्ताव रखा और कहा कि इसके क्रियान्वयन में केंद्र और राज्य के बीच टैक्स की साझेदारी रहेगी। लेकिन सफलता नहीं मिलने पर इसे अप्रैल 2011 से लागू करने का ऐलान किया गया।

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यूपीए सरकार एक बार फिर इस टैक्स सुधार लागू करने में नाकाम रही और 2011 में 115वां संविधान संशोधन विधेयक पेश कर विधेयक को स्टैंडिंग कमिटी के पास भेजा गया। साल 2013 में संसद में स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट पेश हुई। साल 2014 में सत्ता में आई बीजेपी ने जोर लगाया और 122वां संविधान संशोधन बिल पेश हुआ और अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई 2016 से पूरे देश में जीएसटी लागू करने की मंशा जताई।

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