क्या आपको मालूम है कि आप पर है 54 हजार का रुपये का ‘सरकारी’ कर्ज ?

0
54
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

क्या आपको पता है कि हम सब पर 54 हज़ार रुपये का कर्ज़ है। चौंक गए? प्रतिव्यक्ति पर ये कर्ज़ कैसे आया ये समझना बड़ा दिलचस्प है। दरअसल हर सरकार बाहरी एजेंसियों जैसे आईएमएफ और विश्व बैंक से पैसे उधार लेती है। इन पैसों से सरकार देश में विकास काम करती है। यानी हमारे और आपके लिए ये कर्ज़ लिया जाता है। इसका सीधा मतलब है कि आप परोक्ष रूप से इन एजेंसियों के कर्ज़दार हो गए हैं। 54000 की इस रकम को देश पर कुल कर्ज से कुल आबादी को विभाजित करके निकाला गया है। इससे पता चलता है कि प्रतिव्यक्ति पर कितना कर्ज़ है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2016 तक प्रतिव्यक्ति कर्ज़ 53,796 हो गया है। मार्च 31, 2015 तक ये कर्ज़ राशि 49,270 रुपये था यानी सालभर में इसमें इज़ाफा हुआ है।

इसे भी पढ़िए :  8.5 लाख गाड़ियां कूड़ा, सुप्रीम कोर्ट ने BS III गाड़ियों पर लगाई रोत

विश्लेषकों के मुताबिक साल दर साल कर्ज़ की राशि बढ़ेगी क्योंकि भारत में उधार लेकर विकास करने की चलन है। संसद में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि 31 मार्च 2016 तक प्रतिव्यक्ति कर्ज़ 9.2 फीसदी बढ़ा है। इसी समय सीमा के दौरान प्रतिव्यक्ति अंदरूनी कर्ज़ 9.3 फीसदी जबकि प्रतिव्यक्ति बाहरी कर्ज़ में 5.1 फीसदी का इज़ाफा हुआ है। लोकसभा में मेघवाल ने कहा कि बाहरी कर्ज़ में इज़ाफे का प्रमुख कारण आंतरिक कर्ज़ में बढ़ोतरी है जो पूरे कर्ज़ का करीब 97 फीसदी है।

इसे भी पढ़िए :  केजरीवाल बोले- उदित राज समेत बीजेपी के सभी दलित सांसदों को इस्तीफा देना चाहिए

अगले पेज पर पढ़िए- कर्ज़ के पैसों से कहां कहां हो रहा है विकास कार्य

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse