अब आम बजट के साथ ही पेश होगा रेल बजट, 92 साल पुरानी ‘परंपरा’ समाप्त

0
फोटो: साभार

नई दिल्ली। रेल बजट अलग से पेश करने की 92 साल पुरानी परम्परा को समाप्त करते हुए सरकार ने इसे आम बजट में मिलाने का बुधवार(21 सितंबर) को फैसला किया। इसके साथ ही आम बजट को संसद में फरवरी के आखिरी कार्य दिवस के बजाए उससे पहले पेश करने के प्रस्ताव को को सैद्धांतिक मंजूरी भी दी गयी है।

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि सरकार कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए 2017-18 के बजट सत्र की तारीख के बारे में फैसला अलग से करेगी।

इसे भी पढ़िए :  खेलों के लिए पीएम की बड़ी पहल, अगले 3 ओलिंपिक के लिए टास्क फोर्स गठित

मंत्रिमंडल ने 2017-18 के बजट में योजना और गैर-योजना व्यय में अंतर को समाप्त करने का फैसला किया है। जेटली ने कहा कि सरकार बजट पेश करने और उसे पारित कराने की प्रक्रिया पहले शुरू करने के पक्ष में है, ताकि पूरी प्रक्रिया 31 मार्च से पहले सम्पन्न की जा सके। इससे सार्वजनिक वित्त पर आधारित योजनाओं पर व्यय एक अप्रैल से शुरू हो सके।

इसे भी पढ़िए :  भाजपा का राहुल पर हमला, कहा कांग्रेस उपाध्यक्ष मानसिक दिवालियापन के शिकार

उन्होंने कहा कि ‘‘हम सैद्धांतिक रूप से बजट पेश करने की तारीख पहले करने और वित्त विधेयक समेत बजट संबंधी पूरी प्रक्रिया 31 मार्च से पहले समाप्त करने के पक्ष में है। वास्तविक तारीख के बारे में विचार-विमर्श के बाद फैसला किया जाएगा जो राज्य चुनावों की तारीख पर निर्भर है।’’

इसे भी पढ़िए :  सरदार वल्लभभाई पटेल को प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि

जेटली ने कहा कि सरकार बजट पहले पेश करने को लेकर अपने आप को तैयार कर रही है। परंपरा के अनुसार बजट फरवरी में आखिरी कार्य दिवस को पेश किया जाता रहा है। रेल बजट अलग से पेश करने की व्यवस्था 1924 में शुरू की गई थी।