नई दिल्ली। जीएम सरसों को किसान विरोधी करार देते हुए जीएफ फसलों के विरोधी कार्यकर्ताओं ने इसे वाणिज्यिक रूप से जारी करने की मंजूरी दिये जाने की स्थिति में देशव्यापी हड़ताल करने की धमकी दी है। इस विरोध प्रदर्शन में भारत भर के जीएफ फसलों के विरोधी 150 संगठन इसे प्रतिबंधित करने की मांग करने जंतर मंतर पर इकट्ठा हुए।
‘सरसों सत्याग्रह’ के बैनर के तहत राजनीतिक दलों, किसान संघों, कर्मचारी संगठनों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों, महिला अधिकार संस्थाओं और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने विवादास्पद जीएम सरसों को मंजूरी देने के प्रयासों को धता बताया।
इस विरोध प्रदर्शन में देश भर के करीब 150 संगठनों ने भागीदारी की जिसमें 29 राष्ट्रीय स्तर के संगठन हैं और इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध संगठन भारतीय किसान संघ तथा भारतीय किसान यूनियन, अखिल भारतीय किसान सभा, स्वदेशी जागरण मंच, एलायंय फॉर सस्टेनेबल एंड होलिस्टिक एग्रीकल्चर (आशा) जैसे संगठन भी शामिल हैं।
आशा की कविता कुरगंती ने कहा कि यह साफ है कि हमारे समाज का हर हिस्सा और प्रदेश सरकारें इस जीएम सरसों के खतरों को समझ रही है। उनका यह प्रतिवाद मजबूत ही होता जायेगा और पूरी संभावना है कि जैसा कि भूमि अध्यादेश को लेकर हुआ था, सरकार खुद को उसी स्थिति में पाए।