मोदी के आदेश के बावजूद 1800 अधिकारियों ने नहीं दिया संपत्ति का ब्यौरा

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नई दिल्ली : देश भर के 1800 आईएएस अधिकारियों ने अपनी अचल संपत्ति का ब्योरा सरकार के समक्ष पेश नहीं किया है। मोदी सरकार ने इस साल जनवरी अंत तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के सभी अधिकारियों से अपनी अचल संपत्ति रिटर्न का ब्योरा पेश करने को कहा था। यही नहीं ऐसा करने में असफल रहने पर सरकार ने अधिकारियों के प्रमोशन और उनके मनोनयन पर भी रोक लगाने की चेतावनी दी थी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के डेटा के मुताबिक 1,856 अधिकारी 2016 की अपनी रिटर्न के बारे में जानकारी देने में असफल रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 255 अधिकारी उत्तर प्रदेश काडर के हैं। दूसरे नंबर पर 153 अधिकारी राजस्थान काडर के हैं। वहीं, मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां के 118 अफसरों ने अपनी अचल संपत्ति की जानकारी नहीं दी।

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पश्चिम बंगाल के 109 और अरुणाचल-गोवा-मिजोरम-केंद्र शासित प्रदेश काडर के भी 104 अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी है। नियमों के मुताबिक सिविल सेवा अधिकारियों को भी सरकार के समक्ष अपनी संपत्ति और कर्ज का ब्योरा पेश करना होता है। यही नहीं सरकार के आदेश के बिना अधिकारी 5,000 रुपये से अधिक कीमत का कोई गिफ्ट भी स्वीकार नहीं कर सकते। नियमों के मुताबिक अपने परिजन या मित्र की ओर से भी 25,000 रुपये से अधिक का गिफ्ट मिलता है तो अफसर को सरकार को इस बारे में सूचित करना होगा।

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मंत्रालय के डेटा के मुताबिक कर्नाटक के 82, आंध्र प्रदेश के 81, बिहार के 74, ओडिशा-असम और मेघालय के 72-72, पंजाब के 70, महाराष्ट्र के 67, मणिपुर-त्रिपुरा के 64 और हिमाचल के 60 अफसरों ने 2016 का अपना अचल संपत्ति रिटर्न का ब्योरा नहीं दिया है। इसके अलावा गुजरात काडर के 56 आईएएस, झारखंड के 55, जम्मू-कश्मीर के 51, तमिलनाडु के 50, नागालैंड के 43, केरल के 38, उत्तराखंड के 33, सिक्किम के 29 और नवगठित राज्य तेलंगाना के 26 अधिकारियों ने इस बारे में सरकार को जानकारी नहीं सौंपी है।

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