नई दिल्ली : आतंकवाद की कमर तोड़ने और भ्रष्टाचार से जमा हुए काले धन को खत्म करने के इरादे से नोटबंदी के महाभियान ने गति पकड़ना शुरू कर दिया है। 10 नवंबर को शुरू हुई मुहिम में शुरुआती तीन दिन के भीतर ही पांच सौ और हजार रुपये के नोट के रूप में दो से ढाई लाख करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें काला धन कितना है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी पर अपडेट देते हुए बताया कि शनिवार दोपहर 12:15 बजे तक देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कुल 2.28 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं तथा 47,868 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। जेटली ने कहा कि देशभर में पूरे बैंकिंग ऑपरेशंस के 20 से 25 प्रतिशत एसबीआइ में होते हैं। इसलिए सभी बैंकों में 10 नवंबर से 12 नवंबर दोपहर 12:15 बजे तक बैंकों में 2 से 2.5 लाख करोड़ रुपये के 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट जमा होने का अनुमान है। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ ऊषा अनंतसुब्रमण्यम ने एक अखबार को बताया कि बीते तीन दिन में पीएनबी में 30 लाख लोगों ने 1163 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदले, जबकि बैंक के पास 15000 करोड़ रुपये की कुल जमाराशि 500 और 1000 रुपये के नोट के रूप में आ चुकी है। सभी बैंकों से दैनिक रिपोर्ट नहीं मांगी गई है, लेकिन एसबीआइ के आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि इतनी राशि बैंकिंग तंत्र में आई है। देशभर में 16.5 अरब 500 के नोट तथा 6.7 अरब 1000 रुपये के नोट हैं। इन दोनों उच्च मूल्य वर्ग के नोट में लगभग 14.95 लाख करोड़ रुपये लोगों के पास हैं। जेटली ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में मुद्रा का बदलना रातों-रात नहीं हो सकता। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी कि करेंसी या बुलियन में गैरकानूनी रूप से ट्रांजेक्शन हों। सरकार की निश्चित रूप से इस पर नजर है। कालेधन के खिलाफ सरकार की इस मुहिम का लाभ देश को मध्यावधि और दीर्घावधि में होगा।