विदेशी कम्पनी के साथ भारत करेगा सौदा
रक्षा मंत्रालय ने कई कंपनियों को भारत में सिंगल इंजन फाइटर प्लेन के लिए असेंबली लाइन लगाने के लिए पूछा है। भारतीय वायुसेना के पास 32 ऑपरेशनल स्क्वाड्रन है जबकि जरुरत 45 स्कवाड्रन की है। इसके चलते पाकिस्तान और चीन के साथ भारत एक साथ नहीं लड़ सकता। वायुसेना भी इस बात को मान चुकी है।
स्वीडिश कंपनी साब के चेयरमैन और एमडी जेन विडरस्ट्रोम ने बताया कि उन्हें भारत सरकार की ओर से चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए खत मिला है। हालांकि कितने विमान चाहिए यह नहीं बताया गया है लेकिन सूत्रों के अनुसार यह संख्या 100 हो सकती है। हाल के सालों में अमेरिका के साथ भारत के रक्षा सौदों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। अमेरिका की एक अन्य कंपनी बोइंग ने भी भारत में टि्वन इंजन वाले एफ/ए-18 हॉर्नेट का प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन इसमें तकनीक के ट्रांसफर को लेकर खुलासा नहीं हो पाया। इससे पहले भारत ने कभी एयरक्राफ्ट निर्माण यूनिट लगाने की दिशा में काम नहीं किया।