भारत में लगभग 6 करोड़ लोग मानसिक विकारों से ग्रस्त हैं-पूरे आंकड़े आपको चौंका देंगे

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एक तरफ हमारा देश मेडिकल प्रोफेशनल के क्षेत्र में नई नई खोजें कर रहा है, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर इतना खर्च कर रहा है। इसके बावजूद भारत में कम से कम 6 करोड़ से ज्यादा लोग मानसिक विकारों से ग्रस्त हैं, जो की दक्षिण अफ्रीका की आबादी से भी अधिक है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने लोकसभा को बताया कि, 2005 के अंत तक लगभग 10-20 मिलियन (कुल जनसंख्या का 1-2%) भारतीयों गंभीर मानसिक विकार जैसे स्किजोफ्रेनिया और बायपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित है। और लगभग 5 करोड़ (कुल जनसंख्या का 5%) सामान्य मानसिक विकार जैसे डिप्रेशन और एनक्साइटी से ग्रस्त है।

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सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्‍थ एंड साइंसेज ( बेंगलुरू) को नेशनल मेंटल हैल्थ सर्वे कर मानसिक रोगियों के आंकड़े व मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग के पैटर्न का अनुमान लगाने के लिए कहा।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लोकसभा में बताये गये रिपोर्ट के अनुसार 1 जून, 2015 में शुरू किए इस अध्ययन में 5 अप्रैल 2016 तक 27,000  लोगों का इंटरव्यू लिया। भारत में विशेष रूप से जिला और उप जिला स्तर पर स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी है, और खासतौर से मानसिक स्वास्थ्य के लिए।

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दिसंबर 2015 में लोकसभा में मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ  एंड फैमिली वैलफेयर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कुल मिलाकर 3,800 साइकेट्रिस्ट, 898 क्लिनिक साइकोलॉजिस्ट, 850 साइकेट्रिक सोशल वर्कर, 1500 साइकेट्रिक नर्स नेशनवाईड है। इसका मतलब हर लाख लोगों के लिए तीन साइकेट्रिस्ट  है। इस अनुमान के अनुसार, भारत में 66,200 साइकेट्रिस्ट की कमी है।

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जिसके लिए नए बिल में मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रति केंद्र वित्त पोषण को 30 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 33.70 करोड़ रुपये कर दिया है। और नेशनवाईड मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी से निपटने के लिए 35 मानसिक स्वास्थ्य विषयों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण विभागों को भी फंड किया है।