इसरो भारतीयों को जमीन से आकाश तक ले जाने की दिशा में काम कर रहा है। भारत में बने करीब 200 हाथियों के बराबर वजन के जंबो रॉकेट को एजेंसी जल्द लॉन्च कर सकती है।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में देश में निर्मित सबसे भारी रॉकेट ‘जीएसएलवी मार्क 3 को विकसित किया जा रहा है। यह रॉकेट अब तक के सबसे भारी उपग्रहों को ले जाने में सक्षम होगा।
इसरो दुनिया के भारी वजन वाले एवं कई अरब डॉलर के प्रक्षेपण बाजार की नई दुनिया में कदम रखने की तैयारी कर रहा है। इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि यह नया पूरी तरह आत्मनिर्भर भारतीय रॉकेट अपने पहले ही प्रक्षेपण में सफल हो।’
यह जीएसएलवी मार्क 3 का पहला प्रयोगात्मक परीक्षण होगा जिसका नाम पहले ‘प्रक्षेपण वाहन मार्क 3’ रखा गया था लेकिन एक दशक में सब सही रहने पर या कम से कम छह सफल प्रक्षेपणों के बाद इस रॉकेट का इस्तेमाल ‘भारतीय जमीन से भारतीयों को अंतरिक्ष’ में भेजने में किया जाएगा। यह रॉकेट पृथ्वी की निचली कक्षा में आठ टन तक का वजन ले जाने में सक्षम है।