नोटबंदी के बाद इन उपचुनावों को अहम माना जा रहा हैं
पीएम मोदी के नोटबंदी के बाद हो रहे इन उपचुनावों को अहम माना जा रहा है और इसे नोटबंदी के बाद सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है। देखा जाए तो बीजेपी तीन राज्यों असम, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में अपनी सीट वापस हासिल करने की मशक्कत में जुटी है। वहीं कोलकाता, भोपाल और चेन्नई की बात करें तो यहां बीजेपी को नोटबंदी के चलते थोड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। क्योंकि इन राज्यों में नोटबंदी पर काफी हो हल्ला भी हुआ है। वहीं स्थानीय मुद्दों के उपचुनावों में छाए रहने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।
मतदाताओं का मिजाज स्थानीय मुद्दों के आधार पर ही बनता बिगड़ता है। लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद ये पहली अग्नि परीक्षा है जिसमें उन्हें जनता की प्रतिक्रिया मिलेगी। जहां पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और तमलुक में तृणमूल कांग्रेस अपनी सीट बचाने की लड़ाई लड़ रही है। वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी अपनी आदिवासी सीट को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रही है। अरुणाचल प्रदेश में कलिखो पुल की पत्नी दसांगलु पुल बीजेपी की सीट बचाने के लिए मैदान में हैं।