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डोभाल ने कहा, ‘विमान के पास आईएसआई के दो लोग खड़े थे। जल्द ही कई और वहां आ गए। उनमें से एक लेफ्टिनेंट कर्नल और दूसरा मेजर था। उन्होंने पाकिस्तान में काम करते हुए कई साल बिताए थे। चीजें तब और खराब हो गईं जब भारतीय अधिकारियों को मालूम हुआ कि हाइजैकर्स सीधे आईएसआई अधिकारियों से बात कर रहे थे। वहां पर जो कुछ भी हो रहा था, उसके बारे में हमें जानकारी मिल रही थी। अगर इन लोगों को आईएसआई की तरफ से प्रत्यक्ष सपॉर्ट नहीं मिल रहा होता तो हमने बंधक संकट को खत्म कर दिया होता।’
डोभाल ने किताब में लिखा, ‘हमने हाइजैकर्स पर जो भी दबाव बनाया था, आईएसआई ने उसे खत्म कर दिया।’ बता दें कि यह बंधक संकट तब खत्म हुआ था जब भारत ने तीन आतंकवादियों मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुस्ताक जरगार को रिहा किया था। डोभाल ने इन तीनों को आईएसआई समर्थिमत आतंकवादी करार दिया।
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