फांसी की सजा पा चुके इंडियन मुजाहिदीन (IM) के संस्थापक मोहम्मद अहमद सिदप्पा उर्फ यासीन भटकल पांच साल की उम्र से ही बमों के साये में रहा। CBI के सूत्रों ने कर्नाटक के भटकल इलाके की एक खदान में काम करने वाले यासीन भटकल रिश्तेदारों के हवाले से यह दावा किया है। हैदराबाद बम विस्फोट के दोषी यासीन भटकल को बारे में बात करते हुए सीबीआई ऑफिसर ने कहा, ‘यासीन जब बच्चा था तो खदान पर जाया करता था जहां उसे विस्फोटकों की जानकारी मिली।’
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि इंटेरोगेशन के दौरान भटकल ने माना था कि वे (IM) 2002 के सांप्रदायिक दंगों का बदला लेना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अस्पताल जैसी जगह चुनी ताकि ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सके।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘भटकला ने स्वीकार किया था कि 2005 में आतंकी ट्रेनिंग लेने के लिए वह दुबई से चोरी-छुपे पाकिस्तान चला गया था। उसे एक मुस्तफा ने रिसीव किया था। वहां से आर्मी के जवान की तरह दिखने वाले लोग उसे किसी सुनसान इलाके में ले गए जहां उसे 50 दिन तक सिखाया गया कि विस्फोटक का इस्तेमाल कैसे करें। ISI ने उसकी पहरेदारी की थी।’
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