रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि गोला-बारूद की कमी, हथियारों के उत्पादन की क्षमता आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड में इस साल बढ़ी है। अब पहले की तरह नहीं है, जब वाहन ज़्यादा बनाये जाते थे। सेना के पास इस बात की पूरी ताकत दे दी गई है कि वाईस चीफ अगर कमी पाएं तो खरीदें। रायफलों की ज़रूरतों पर उन्होंने कहा कि अर्जेंट ऑपरेशनल ज़रुरतों के लिए स्पेशल फोर्सेज को फ़ास्ट ट्रैक के ज़रिए इसकी अनुमति दे दी गई है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को नई डिज़ाइन का विकास करने के लिए 4 महीने दिए गए हैं।
इसके साथ ही मिडल वेट एयरक्राफ्ट की आवश्यकता पर पर्रिकर ने बताया कि पहली बार तेजस का उत्पादन तेज़ी से हो रहा है। भारत को एक सिंगल इंजन फाइटर एयरक्राफ्ट की ज़रुरत होगी, इसके लिए हम स्ट्रेटिजिक पार्टनरशिप मॉडल रुट का प्रयोग करेंगे, जोकि फाइनल होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि सुखोई विमानों की उपलब्धता 64 प्रतिशत हो गई है।
वहीं, अग्नि-5 की पूरी सफलता को लेकर उन्होंने कहा कि अग्नि-5 का परीक्षण सभी पैरामीटर्स पूरी तरह सफल रहा है।































































