रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को आजतक के विशेष कार्यक्रम ‘एजेंडा आजतक’ में हिस्सा लेते हुए कहा है कि भारत-पाकिस्तान सरहद पर तनाव का सिलसिला थम जाएगा। इस दौरान पर्रिकर ने सेना की तैयारियों पर बात करते हुए कहा कि शांति सबसे अच्छी चीज होती है, लेकिन अगर आपको शांति का निर्माण करना है तो ताकत बढ़ानी होगी और ताकत दिखानी होगी। शांति की डगर में चलने का हमारा इतिहास रहा है। लेकिन जो युद्ध के डर से समझौता कर लेते हैं वो डरपोक कहलाते हैं।
पहले हमला नहीं करने की नीति पर पर्रिकर ने कहा कि भारत आक्रामक रवैया नहीं अख्तियार नहीं करता। हालात के मुताबिक कोई फैसला करना चाहिए। युद्ध जैसी स्थिति होगी तो थोड़ी बहुत हानि होगी। शहादत अच्छी नहीं होती। हमें भी अच्छा नहीं लगता कि युद्ध हो। टेंशन बढ़ता है तो हम भी अपने जवान खोते हैं। लेकिन रक्षा मंत्री के तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने नागरिकों की रक्षा करें।
सर्जिकल स्ट्राइक के सवाल पर पर्रिकर ने कहा कि बॉर्डर क्रॉस करना सेना का काम है, सरकार नहीं करती। लेकिन इस बारे में फैसला पॉलिटिकल लीडरशिप को करना होता है। उन्होंने कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक अगर कामयाब रहा तो सभी जलने लगे। उन्हें लगने लगा कि इसका क्रेडिट सरकार लेगी। अगर नाकाम होते तो जवाबदेही भी हमारे ऊपर ही आती। हमारी आलोचना होती। अगर फैसला लेने की जिम्मेदारी मोदी सरकार की है तो कामयाबी का क्रेडिट भी मिलना चाहिए। हमने सेना को फ्री हैंड दे दिया। पहले ऐसा नहीं हुआ था।