वॉशिंगटन : अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने भारत को अफगानिस्तान का सबसे भरोसेमंद क्षेत्रीय सहयोगी बताया है। अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश की गई अपनी ताजा अफगान रिपोर्ट में पेंटागन ने यह बात कही है। अफगान मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन की इस पहली रिपोर्ट में भारत को न केवल काफी तरजीह दी गई है, बल्कि अफगानिस्तान में उसकी भूमिका को काफी सराहा भी गया है। ट्रंप प्रशासन की यह रिपोर्ट पाकिस्तान के लिए किसी झटके से कम नहीं है। पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तान के अंदर भारत की सक्रियता का विरोध करता आया है। भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती पर पाकिस्तान कई बार सार्वजनिक तौर पर आपत्ति जता चुका है। पाकिस्तान न केवल भारत को अफगानिस्तान से दूर रखना चाहता है, बल्कि अपनी भौगोलिक स्थिति के बहाने अफगानिस्तान से जुड़ी नीतियों में भी अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना चाहता है। ताजा घटनाक्रमों के मद्देनजर देखें, तो पाकिस्तान की से सभी कोशिशें कामयाब होती नहीं दिख रही थीं।
पेंटागन ने अपनी अफगान रिपोर्ट में भारत का जिक्र करते हुए लिखा है, ‘अफगानिस्तान के अधिकारियों और सुरक्षाबलों को भारत प्रशिक्षण दे रहा है। हर साल करीब 130 अफगान अलग-अलग तरह के सैन्य प्रशिक्षण और बाकी जरूरी ट्रेनिंग्स के लिए भारत जाते हैं।’ इस रिपोर्ट में भारत को अफगानिस्तान का सबसे भरोसेमंद सहयोगी बताते हुए आगे कहा गया है, ‘अफगानिस्तान में हो रहे विकास कार्यों में भारत का सहयोग सबसे ज्यादा है। अफगानिस्तान-भारत फ्रेंडशिप डैम और अफगान संसद की इमारत जैसी कई अहम परियोजनाओं में भारत ने अफगानिस्तान की काफी मदद की है।’ मालूम हो कि पिछले एक दशक से भी लंबे समय से भारत अफगानिस्तान में हो रहे विकास कार्यों का एक अहम भागीदार बना हुआ है। भारत ने यहां विकास कार्यों में काफी निवेश भी किया है।