आखिरकार मोदी सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी शुक्रवार(10 फरवरी) को ये मान लिया कि नोटबंदी के कारण दिसंबर माह में भारत के औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। इतना ही नहीं उन्होने आने वाले महीनों में इसमें इजाफे की संभावना भी जताई है।
साथ ही जेटली ने कहा कि नवंबर और दिसंबर के आंकड़ें पूरे साल का प्रतिनिधित्व नहीं करते। यह नोटबंदी का दौर था और नवंबर के मुकाबले दिसंबर ज्यादा चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि पहले तो कई क्षेत्रों में पुराने नोट मान्य थे, जबकि दिसंबर में यह पूरी तरह से बंद हो गया।
उन्होंने कहा कि दिसंबर में नई करंसी डालने का काम शुरुआती चरण में था। इसके साथ ही अनौपचारिक और औपचारिक अर्थव्यवस्था का एकीकरण हो रहा था। उन्होंने कहा कि आगामी महीनों में निश्चित तौर पर संगठित इकॉनमी में विस्तार की स्थिति देखेंगे।
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