सीएम पेमा खांडू ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस का अरुणाचल में संकट काफी पुराना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नाटकीय घटनाक्रम के बाद जुलाई में नबाम तुकी के स्थान पर पेमा खांडू को मुख्यमंत्री घोषित करके एक लंबी चली लड़ाई को जीता था। खांडू के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दो निर्दलीयों और 45 पार्टी विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बना ली थी। तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद बागी नेता खालिको पुल अपने 30 साथी बागी विधायकों के साथ पार्टी में लौट आए थे। पुल बागी होकर मुख्यमंत्री बने थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था।
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 46 विधायक थे जबकि बीजेपी के 11 है। अब 43 विधायकों के पीपीए में चले जाने के बाद कांग्रेस में पूर्व सीएम नबम तुकी और इक्का-दुक्का विधायक ही बचे रह गए हैं। हाल में पूर्व सीएम कलिखो पुल का निधन हो गया था। फरवरी 2016 में उन्होंने 24 कांग्रेसी विधायकों के साथ पीपीए ज्वाइन किया था।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था जिसमें अदालत ने कलिखो पुल सरकार को असंवैधानिक घोषित कर पूर्व की कांग्रेस सरकार को बहाल करने का आदेश दिया था। इसके बाद पेमा खांडू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। ताजा घटनाक्रम के बाद एक बार फिर बाजी बीजेपी के हाथ जाते दिख रही है।