2006 हथियार जखीर मामले में लश्करे तैयबा षड्यंत्रकर्ता अबु जंदल सहित 12 दोषी

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दिल्ली
एटीएस द्वारा औरंगाबाद के पास हथियारों का बड़ा जखीर बरामद किये जाने के 10 वषरें बाद एक विशेष अदालत ने आज मुम्बई हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता अबु जंदल और 11 अन्य को दोषी करार दिया लेकिन उनके खिलाफ कड़ा मकोका आरोप हटा दिया।

मामले के 22 आरोपियों में से अदालत ने आठ को बरी कर दिया जबकि दो आरोपियों के खिलाफ सुनवायी अलग कर दी क्योंकि एक आरोपी सरकारी गवाह बनने के बाद बयान से पलट गया था जबकि अन्य आरोपी फरार है। आज दोषी पाये गए 12 व्यक्तियों में से एक फैजल अताउर रहमान शेख है जिसे 11 जुलाई 2006 के मुम्बई ट्रेन बम विस्फोट मामले में मौत की सजा सुनायी गई है। छह व्यक्तियों को मामले में वांछित दिखाया गया है। विशेष मकोका न्यायाधीश श्रीकांत अनेकर ने 10 वर्ष इंतजार के बाद फैसला सुनाया। कुछ दिन पहले ही मामले में अंतिम दलीलें पूरी हुई थीं।

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अदालत ने जंदल को गैरकानूनी गतिविधि :निरोधक: कानून, विस्फोटक कानून, विस्फोटक पदार्थ कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी ठहराया जबकि अन्य को अलग अलग आरोपों में दोषी ठहराया गया। उनके खिलाफ मकोका के तहत आरोप यद्यपि हटा दिये। अदालत ने अभियोजन की यह दलील स्वीकार कर ली कि एटीएस ने दो कारों से भारी मात्रा में जो हथियार और गोला बारूद पकड़ा था उसे मूल तौर पर पाकिस्तान से हासिल किया गया था।

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लश्करे तैयबा आतंकवादी सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जंदल एवं 11 अन्य को दोषी करार देते हुए अदालत ने कहा कि एटीएस उनके खिलाफ मकोका के तहत आरोपों को सिद्ध नहीं कर पायी जबकि अदालत ने मामले में एजेंसी की ओर से पेश प्रत्यक्ष एवं ठोस सबूत स्वीकार कर लिया।

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