देश में कैशलेस लेन-देने को बढ़ावा देने के लिए BJP सरकार ने अधिकारियों को इंसेंटिव देने का फैसला किया है। IAS सरकार उन जिला कलेक्टरों/जिलाधिकारियों/डिप्टी कमिश्नर को एक व्यक्ति को डिजिटल पेमेंट करने योग्य बनाने के लिए 10 रुपए का इंसेंटिव देगी।
BJP ने यह शर्त दी है कि व्यक्ति को डिजिटल पेमेंट के 5 तरीकों में किसी का इस्तेमाल करके कम से कम दो सफल ट्रांजेक्शन करने होंगे। इन तरीकों में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस, यूएसएसडी (*99# बैंकिंग), आधार द्वारा भुगतान, वॉलेट्स और रुपे/डेबिट/क्रेडिट/प्रीपेड कार्ड्स शामिल हैं। इस संबंध में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले 10 जिलों को नीति आयोग/भारत सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट चैंपियंस का अवार्ड दिया जाएगा। कैशलेस होने वाली पहली 50 पंचायतों को नीति आयोग/भारत सरकार की तरफ से डिजिटल पेमेंट अवार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। सरकार ने सभी अहम विभागों से ऑनलाइन और डिजिटल ट्रांजैक्शन करने को कहा है।
BJP सरकार डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जगह आधार नंबर पर आधारित सभी ट्रांजैक्शन्स करने की योजना पर काम कर रही है। दरअसल, नीति आयोग चाहता है कि देश में सभी प्रकार के ट्रांजैक्शंस के लिए केवल आधार कार्ड का ही उपयोग किया जाए। अगर ऐसा होता है तो लोगों के पर्स में रहने वाला कार्ड (डेबिट/क्रेडिट) पुराने दिनों की बात रह जाएगी। इसकी जगह 12 अंकों वाला आधार नंबर ले लेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर की रात 8 बजे 500 और 1000 के पुराने नोट को रद्द करने का एलान किया था। उसकी जगह रिजर्व बैंक ने नए किस्म के 500 और 2000 रुपये के नोट बाजार में उतारे हैं। सरकार कैशलेस सोसायटी के तहत डिजिटल ट्रांजैक्शन्स पर जोर दे रही है। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से काला धन समाप्त होगा और समाज में पारदर्शिता आएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कैशलेस सोसाइटी’ की वकालत पर सवाल खड़े किए। उनके मुताबिक, गांवों में रहने वाली आधी से ज्यादा आबादी को लेन-देन के इन डिजिटल तरीकों के बारे में बताने के लिये केंद्न सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है। अखिलेश ने पीएम से पूछा कि ”आप (मोदी) बताएं कि डिजिटल इंडिया के लिये आपकी क्या तैयारी है। कैशलेस लेन-देन करना कौन सिखाएगा। इसे गांव तक कैसे पहुंचाएंगे। नौजवान तो फिर भी इसे कर लेते हैं लेकिन बाकी लोगों का क्या।”