रविशंकर प्रसाद ने कहा, मुसलमान वोट नहीं देते, लेकिन रखते हैं पूरा ध्यान

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रविशंकर प्रसाद
फाइल फोटो
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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देते हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें ‘समुचित सम्मान’ दिया है। ‘माइंड माइन सम्मेलन’ में प्रसाद ने कहा, ‘हमारे 13 मुख्यमंत्री हैं। हम देश का शासन चला रहे हैं। क्या हमने उद्योग या सेवा क्षेत्र में काम कर रहे किसी मुसलमान को परेशान किया है? हमने उन्हें बर्खास्त किया है? हमें मुसलमानों के वोट नहीं मिलते हैं। मैं स्पष्ट रूप से इसे स्वीकार करता हूं, लेकिन हमने उन्हें पूरा सम्मान दिया है या नहीं?’

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प्रसाद संस्कृति और विविधता पर विकास के प्रभाव के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। प्रसाद ने कहा, ‘हम भारत की विविधता और संस्कृति को नमन करते हैं। इसे देखने के दो तरीके हैं। आज मैं स्पष्ट बोलूंगा। हमारे खिलाफ लंबे वक्त से अभियान चल रहा है, लेकिन हम भारत की जनता के आशीर्वाद से यहां हैं।’ हाल में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में प्रभावी जीत दर्ज की है। पार्टी ने गोवा और मणिपुर में भी सरकार बनाई। मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को सिर्फ पंजाब में स्पष्ट बहुमत मिला।
भाषा की खबर के मुताबिक प्रसाद ने कहा कि बतौर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री उन्होंने कई मुसलमान बहुल गांवों का दौरा किया है। प्रसाद के मुताबिक, यहां मुस्लिम युवक सामुदायिक सेवा केंद्र चला रहे हैं, जो लोगों को इंटरनेट के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करते हैं। प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जलपाई गुड़ी के चाय बगान में काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारी करीमुल हक को उसके योगदान के लिए चुने जाने का जिक्र किया। प्रसाद ने कहा, हक ने अपनी मोटरसाइकल को ऐंबुलेंस में बदल लिया है और बीमारों को अस्पताल ले जाते हैं। इस तरह उन्होंने करीब 2000 लोगों की जिंदगी बचाई है। प्रसाद ने कहा, ‘हमने कभी भी हक का धर्म नहीं देखा, न ही यह देखा कि उसने हमारे लिए वोट दिया था या नहीं। यदि कुछ अवांछित बातें होती हैं तो प्रधानमंत्री उस समस्या को सुलझाते हैं, मुख्यमंत्री इन दिक्कतों को दूर करते हैं।’

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