गर्भवती पत्नी को जिंदा जलाकर मार डाला, सुप्रीम कोर्ट ने दिया जीवनदान

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सुप्रीम कोर्ट ने लॉ कमीशन की हाल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘न्याय आयोग ने सिर्फ आतंकवाद से जुड़े अपराधों और युद्ध छेड़ने का मकसद रखने की स्थिति में फांसी की सजा दिए जाने की सिफारिश की है।’ मौजूदा मामले में घायल गर्भवती पत्नी के ठीक मौत से पहले के बयान के आधार पर आरोपी निसार को दोषी ठहराया गया था।
कोर्ट ने कहा कि इस घटना का कोई गवाह नहीं है और आरोपी खुद यह नहीं साबित पा रहा कि उसकी गर्भवती पत्नी और बच्चे की मौत कैसे हुई। कोर्ट ने आगे कहा, ‘हमारे पास आरोपी की गर्भवती पत्नी का मौत से पहले का बयान है, उसी आधार पर उसे सजा दी जा रही है। भारतीय कोर्ट इस बात को मानता है कि मरता हुआ शख्स शायद कभी झूठ नहीं बोलता।’

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