इसमें कहा गया है कि AJL को 2005 में यही भूखंड फिर से आवंटित किया गया। प्राधिकरण के तत्कालीन अध्यक्ष ने इस आवंटन में कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन किया। उस समय प्राधिकरण के अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा थे। सीबीआई अपनी जांच के परिणाम के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर सकती है। साथ ही आरोपपत्र में आरोपियों का नाम हटा या जोड़ भी सकती है। हुड्डा सरकार द्वारा जमीन आवंटन के मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया यह तीसरा केस है।
बता दें कि नैशनल हेरल्ड मामला पहले से ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए मुश्किलों का सबब बना हुआ है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी इस मामले को अदालत ले कर कए थे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कोर्ट में हाजिर भी होना पड़ा था। आरोप है कि गांधी परिवार नैशनल हेरल्ड की संपत्तियों का अवैध तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। फिलहाल दोनों को इस केस में जमानत मिली हुई है। अगर ताजा मामले में भी उनसे पूछताछ होती है तो उन्हें नई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।