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नई कमेटी में कुल 13 सदस्य हैं। इनमें मुख्यमंत्रियों के अलावा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, यूपीए-2 में आधार परियोजना चलाने वाले नंदन नीलेकणि का नाम शामिल है। यह कमेटी विमुद्रीकरण के जनता पर प्रभाव और कैशलेस इकॉनमी के लिए रोडमैप बनाने की दिशा में काम करेगी।
एनडीटीवी से बातचीत में नीलेकणि ने कहा था, ”वक्त की जरूरत को देखते हुए जो डिजिटलाइजेशन 6-7 वर्षों में होना था, वह 6-7 महीनों में हो जाएगा।” विमुद्रीकरण के प्रभाव पर बोलते हुए नीलेकणि ने कहा कि अगले कुछ सप्ताह तक लोगों को दिक्कत होगी, लेकिन बाद में सब ठीक हो जाएगा।
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