आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू उस 13 सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता करेंगे, जो केंद्र सरकार ने नोटबंदी के फैसले का आकलन करने के लिए बनाई है। 500, 1,000 रुपए के नोट बंद करने के चौंकाने वाले फैसले के बाद जनता पर क्या प्रभाव पड़ा है और उसे कैसे कम किया जा सकता है, इसपर कमेटी जोर देगी। इसके अलावा कमेटी यह भी देखेगी कि देश में, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है। नायडू की पार्टी टीडीपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल है। जबकि पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी) मुद्दों के आधार पर सरकार का समर्थन करती है। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस भी कमेटी में शामिल किए गए हैं। विपक्ष के नेताओं में ओडिशा सीएम नवीन पटनायक और पुदुचेरी सीएम वी नारायणसामी का नाम शामिल है। इस कमेटी में शामिल होने के लिए जिसके नाम की सबसे ज्यादा चर्चा थी, वह सदस्य नहीं बनाए गए हैं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार को खुद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फोन कर कमेटी में शामिल होने के लिए कहा था। नीतीश विपक्ष के इकलौते ऐसे नेता हैं जिन्होंने खुलकर पीएम मोदी के इस कदम का समर्थन किया था, जिससे उनके सहयाेगी खफा थे।कुमार ने कहा था कि उन्हें यकीन है कि इस कदम से काले धन से लड़ाई में मदद मिलेगी जबकि पार्टी प्रवक्ता पवन वर्मा ने कहा कि पार्टी विपक्ष के प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेगी। माना जा रहा है कि गठबंधन सरकार चला रहे नीतीश ने सहयोगियों को नाराज न करने के लिए सरकार को न कह दिया।