बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा विपक्ष की एकता को प्रदर्शित करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित बैठक में शामिल होने से भले ही इनकार कर दिया हो, लेकिन शनिवार को वह मॉरीशस के प्रधानमंत्री के स्वागत के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दिए जाने वाले भोज में शामिल होंगे। उनके इस भोज में शामिल होने को लेकर सियासत गर्मा गई है।
दरअसल, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भारत की तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंच गए। इनके सम्मान में पीएम मोदी ने शनिवार को भोज का आयोजन किया है। इस भोज में शामिल होने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भी बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार इस भोज में शामिल होने के लिए दिल्ली जा सकते हैं।
इससे पहले नई दिल्ली में शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नीतीश कुमार को निमंत्रण दिया था। लेकिन उन्होंने जाने से मना कर दिया था। वहीं, राजद अध्यक्ष लालू यादव इस बैठक में शामिल हुए।
इस घटना के बाद से महागठबंधन में दरार की बात सामने आने की बात कही जाने लगी थी। हालांकि इस पर सफाई देते हुए शुक्रवार को पटना में कैबिनेट की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि शुक्रवार के भोज में शामिल न होने का लोग अनावश्यक ही गलत अर्थ लगा रहे हैं जबकि कांग्रेस महासचिव अहमद पटेल को उन्होंने पांच दिन पहले ही बता दिया था कि उनकी पार्टी की तरफ से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव शामिल होंगे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उसपर उन्होंने अपनी राय बता दी थी। नीतीश कुमार ने कुछ दिनों पूर्व ही ये घोषणा कर दी थी कि राष्ट्रपति चुनाव पर वर्तमान मोदी सरकार को आम सहमति बनाने के लिए पहल करनी चाहिए। शुक्रवार को बैठक में भी इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया। लेकिन नीतीश ने कहा कि महागठबंधन के सभी फैसले का वो आदर करते हैं।