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चंदू चव्हाण ने बताया कि वे चंदू से भारतीय सेना और खासकर राष्ट्रीय राइफल्स की कार्य करने की प्रक्रिया के बारे में पूछा गया। मुझे खूब टॉर्चर किया गया। यहां तक कि मुझे ड्रग्स भी दिए गए। चंदू ने कहा कि उन्होंने मेरी फिल्म भी बनाई, लेकिन उन्होंने उसका क्या किया वह मुझे याद नहीं, क्योंकि मैं ड्रग्स के नशे में था। चंदू ने कहा कि मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि मुझे छोड़ दिया जाएगा। मुझे लगता था कि मैं यहीं मार दिया जाऊंगा। चंदू ने बताया की मुझे इतने ज्यादा ड्रग्स दिए गए कि होने से लेकर वाघा बॉर्डर पहुंचने तक मुझे कुछ भी याद नहीं है। चव्हाण ने बताया, दूसरा जीवन देने के लिए मैं हमेशा अपने देश का हमेशा ऋणी रहूंगा।
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