दिल्ली
कश्मीरी पंडितों के एक मंच ने आज एमनेस्टी इंडिया की गतिविधियों की किसी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की और आरोप लगाया कि यह संगठन भारत तथा इसके सुरक्षा बलों की छवि को खराब कर रहा है । मंच ने राज्य में इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने की भी मांग की।
जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग को लेकर एक अभियान के तहत 13 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम को लेकर एमनेस्टी के खिलाफ राष्ट्रद्रोह के आरोप लगाए गए हैं । इस कार्यक्रम में बाद में गर्मागर्मी हुई तथा कथित रूप से कश्मीर की ‘आजादी’ के समर्थन में और सेना के विरोध में नारेबाजी की गयी।
कश्मीरी हिंदू कल्चरल वेल्फेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष रमेश कुमार मट्टू ने प्रदेश के गृह मंत्री जी परमेश्वर को सौंपी गयी एक याचिका में कहा, ‘‘ भारत में एमनेस्टी की गतिविधियों की निष्पक्ष जांच के लिए मामले को केंद्रीय एजेंसी को सौंपा जाना चाहिए क्योंकि इस संगठन का रूख चयनात्मक रहा है और उसकी कोशिश भारत तथा इसके सुरक्षा बलों की छवि को नुकसान पहुंचाना है । ’’ मट्टू ने मंत्री के इस स्पष्टीकरण का भी स्वागत किया कि उन्होंने मानवाधिकार के पैरोकार समूह को कोई क्लीनचिट नहीं दी है।