सर्जिकल स्ट्राइक के बाद गलती से बॉर्डर पार कर पाकिस्तान जाने वाले जवान चंदू चव्हाण ने अपने देश वापस आने के बाद पहली बार खौफनाक आपबीती के बारे में बताया। उन्होंने मुझे इतना टॉर्चर किया कि मेरे लिए मौत ही एक आसान विकल्प था, लेकिन मैं उन्हें आसानी से मिल गया था वे मुझे मारना भी नही चाहते थे। इसलिए उन्होंने रोजाना मुझे टॉर्चर किया। वे मुझे अंदर कमरे में पीटते थे। वे मुझे गन्दी-गन्दी गालिया देते थे। परेशान होकर मैंने उनसे कहा कि मुझे जान से मार दो। मैंने ये मान लिया था कि मैं अपने घर, अपने देश कभी वापस नही जा पाउँगा। मैं यही पाकिस्तानी सेना के हाथों ही मार दिया जाऊंगा।
जनवरी में पाकिस्तानी सेना ने गुडविल के तहत 37 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान चंदू को रिहा कर दिया था। शुक्रवार को चौहान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें एलओसी के आसपास ही रखा गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें दो लोगों ने पकड़ा था। उनमे से एक ने उनपर बंदूक तान दी थी, जो गोली चलाने ही वाला था। लेकिन दूसरे ने एेसा न करने को कहा।
उस खौफनाक मंजर को याद करते हुए चंदू बताते हैं सबसे पहले उन्होंने मेरा सारा सामान ले लिया और मुझे पठानी पहनाया। उसके बाद उन्होंने मेरा चेहरा ढक दिया और मुझे एक गाड़ी में बैठाकर किसी अनजान जगह ले जाया गया। वहां मुझे एक अंधेरे कमरे में रखा गया, जिसमें कोई टॉयलेट या बाथरूम नहीं था। मुझे खाना भी नहीं दिया गया और बुरी तरह पीटा गया।
अगली स्लाइड में देखे वे उन्हें मरना क्यों नही चाहते थे