वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को टाइम्स लिटरेटर फेस्टिवल में बोलते हुए कहा कि यदि वह वित्त मंत्री होते तो प्रधानमंत्री को नोटबंदी न करने की सलाह देते। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सलाह के बाद भी यदि पीएम उन पर नोटबंदी के फैसले को लागू करने का दबाव बनाते तो वह अपने पद से ही इस्तीफा दे देते। कार्यक्रम में मोदी सरकार विपक्ष की भूमिका विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘यह नोटबंदी नहीं है, बल्कि नोटबदली है।’ इस विषय पर पैनल डिस्कशन के दूसरे वक्ता जेडीयू सांसद पवन वर्मा थे, जबकि कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने किया।
चिदंबरम ने नोटबंदी के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ‘यदि आप 45 करोड़ लोगों की आजीविका छीन लेतें तो क्या यह गलत नहीं है? यदि आपका फैसला लोगों को भीख मांगने और कर्ज लेने के लिए मजबूर कर देता हो तो यह अनैतिक है।’ सरकार और विपक्ष के बीच भरोसे की कमी के सवाल पर चिदंबरम ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि आप इसे बढ़ा रहे हैं। सरकार और विपक्ष के बीच गहरे मतभेद हैं, लेकिन दोनों एक-दूसरे से अलग नहीं हैं।’